shabd vichar ki paribhasha
Type Here to Get Search Results !

shabd vichar ki paribhasha

Shabd Vichar, shabd vichar ki paribhasha, Tadbhav Shabd, Deshaj Shabd And Videshi Shabd, shabd kise kehte hain
image source- google.com, hindi.theindianwire.com


शब्द किसे कहते हैं shabd kise kehte hain

भाषा विज्ञानं के अंतर्गत रूप विज्ञान में शब्दों का अध्ययन किया जाता है। शब्दों के अध्ययन के समय शब्दों के भेद, व्युतपत्ति और रूपांतरण आदि का ज्ञान अति आवश्यक है । शव्द वर्णों या ध्वनियों से बनाते हैं अत: शब्द भाषा की दूसरी छोटी इकाई है । अर्थात् एक या एक से अधिक वर्णों या अक्षरों से निर्मित स्वतंत्र सार्थक ध्वनि को शब्द कहते हैं । शब्द दुनिया की किसी भी भाषा के प्राण तत्व होते हैं इनका बिना किसी भी भाषा को नहीं बोला जा सकता है । देव भाषा संस्कृत से हिंदी भाषा की उत्पत्ति हुई है । इसलिए संस्कृत से हिंदी भाषा का विकास निम्न क्रम से हुआ है

प्राकृत प्रथम पालि, प्राकृत द्वितीय प्राकृत प्राकृत, प्राकृत तृतीय प्राकृत अपभ्रंश
हिंदी का विकास अपभ्रंश की सौरसैनी शाखा से माना गया है । इसलिए स्रोत और उदभव की दृष्टि उपरोक्त भाषाओं के शब्द हिंदी में प्रचुर मात्रा में प्रयुक्त हुए हैं ।
स्रोत और उत्पत्ति के आधार पर हिंदी शब्दों की चार हिस्सों में विभक्त किया गया है -
(अ)  तत्सम शब्द () तद्भव शब्द () देशज शब्द () विदेशी शब्द ।

(अ)  तत्सम शब्द किसे कहते हैं ? तत्सम दो शब्दों से बना है तद् + सम अर्थात् उसके (संस्कृत के शब्द) + सामान । या संस्कारित क सामान अर्थात् संस्कृत के ऐसे शब्द जो हिंदी में बिना किसी परिवर्तन के ज्यों के त्यों प्रचलित हैं । उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं परन्तु ये तत्सम शब्द केवल संस्कृत के शब्दों के लिए ही प्रयोग होता है अन्य भाषाओ के शब्दों के लिए नहीं । उदाहरणों को देख सकते हैं- ग्राम, अग्नि, घृत, दधि, धरित्री, गृह, वधू, नक्षत्र, सूर्य, रात्रि, नव, मरीच, मयूर, पक्षी, वार्ता, पुत्र, ज्येष्ठ, भक्त, कर्ण आदि हिंदी में आज भी हजारों की संख्या में संस्कृत के शब्द प्रचलित है जैसे धार्मिक संस्कार, नक्षत्रों के नाम, राशियों के नाम आदि ।

तद्भव किसे कहते हैं ? tadbhav shabd kise kahate hai
(आ)                       तद्भव शब्द:- तद्भव किसे कहते हैं ? tadbhav shabd kise kahate hai यह प्रश्न भी अक्सर हमारे पाठक पूछते रहते हैं । इस पूरे लेख को ध्यान से पढने पर आपको आपके लगभग सभी सवालों के जवाब मिल जायेगा आप हिंदी ग्रामर ( hindi grammar ) के साथ जुड़े रहिये । तद्भव शब्द भी दो शब्दों से मिलकर बना है तद्+भव अर्थात् तद्= उससे (संसकृत शब्दों से) भव= उत्पन्न होना । आसान शब्दों में समझे तो शब्द जो संस्कृत से उत्पन्न्त हुए हो और वे शब्द अपने मूल रूप में न रहकर उनमे कुछ परिवर्तन अवश्य होता । या फिर हम कह सकते है संस्कृत शब्दों का बिगड़ा हुआ रूप तद्भव कहलाता है जिसे हम ऊपर तत्सम शब्दों में दिए गए उदाहरणों से समझाने का प्रयास करेंगे । आप यहाँ हिंदी व्याकरण की जानकारी हिंदी ग्रामर (hindi grammar) पर पढ़ रहे हैं । हमें उम्मीद है की यहाँ लेख आपके ज्ञान को सम्रद्ध करने में मील का पत्थर सिद्ध होगा । उदाहरण- ग्राम= गाँव, अग्नि=आग, घृत=घी, दधि=दही, धरित्री=धरती, गृह=घर, वधू=बहू, नक्षत्र=नखत, सूर्य=सूरज, रात्रि=रात, नव=नया, मरीचि=मिर्च, मयूर=मोर, पक्षी=पंछी, वार्ता=बात, पुत्र=पूत, ज्येष्ठ=जेठ, भक्त=भगत, कर्ण= कान, अक्ष=आँख, मृत्यु=मौत, सीता=सिया, लक्षमण=लखन आदि । परीक्षाओं दृष्टिकोण से यहाँ हम तत्सम और तद्भव शब्दों का विस्तार से वर्णन करेंगे आशा है ये आपके लिए लाभदायक होंगे।
tatsam tadbhav hindi grammar: tatsam tadbhav

तत्सम शब्द
tatsam shabd

तद्भव शब्द
Tadbhav shabd
तत्सम शब्द
Tatsam shabd
तद्भव शब्द
Tadbhav shabd
तत्सम शब्द
Tatsam shabd
तद्भव शब्द tadbhav shabd
अंक
अंगरक्षक
आश्चर्य
अंगुली
अक्षि
अमूल्य
आलस्य
अग्नि
अश्रु
अमावस्या
आभीर
अज्ञान
अकार्य
अन्यत्र
आदेश
अर्क
अस्थि
अक्षवाट
अलग्न
आमलक
अम्लिका
आशीष
आश्रय
अनार्य
अग्रणी
अन्न
अर्ध
अद्य
अग्रहायन
अंगुष्ठ
आदित्यवार
अंगप्रोक्ष
आत्मन्
अष्टाविंशति
अक्षोट
अक्षर
आम्र
अंचल
अट्टालिका
इयत
इक्षु
इष्टिका
ईप्सा
ईर्ष्या
ईदृश
उपाध्याय
उच्च
उज्ज्वल
उलूखल
उपरि
उलूक
उपवास
उपालम्भ
उध्दर्तन
उच्छवास
उन्मना
उष्ट्र
उद्घाटन
उतिष्ठ
ऊर्ण
एकल पुत्र
एला
एकत्र
एरंडी
कुष्ठ
किंचित
कर्पूर
कृष्ण
कच्छप
कुपुत्र
कृत्यग्रह
कर्ण
कपाट
साक्षी
शुण्ड
वाष्प
बधिर
सूत्र
पत्र
तैल
ऑंक
अंगरखा
अचरज
अंगुरी
ऑंख
अमोल/अनमोल
आलस
आग
आंसू
अमावस
अहीर
अजान
अकाज
अनत
आयसु
अरक
हड्डी
अखाडा
अलग
आंवला
इमली
आसीस
आसरा
अनाड़ी
अगाड़ी
अनाज
आधा
आज
अगहन
अंगूठा
इतवार
अंगोछा
अपना
अट्ठाईस
अखरोट
आखर
आम
आंचल
अटारी
इतना
ईख
ईंट
इच्छा
ईर्षा
ऐसा
ओझा
ऊँचा
उजला
ओखली
ऊपर
उल्लू
उपास
उलाहना(ताना)
उबटन
उसास
अनमना
ऊँट
उघाड़ना(खोलना)
उठ
ऊन
इकलौता
इलायची
इकट्ठा
अरण्डी
कोढ़
कुछ
कपूर
किसन/किशन
कछुआ
कपूत
कचहरी
कान
किवाड़
साखी
सूंड
भाप
बहरा
सूत
पत्ता
तेल
कर्म
कपर्दिका
काक
कोकिल
कुन्चिका
कृषक
कंकण
कज्जल
कर्पट
कदा
कदली
कूप
कर्तव्य
कास
कंटक
कार्य
कुक्कुर
कोटि
कपोत
कर्कट
किरण
कथानिका
कीटक
कुक्षि
कर्तरि
कोण
खनि
खट्वा
खर्जूर
गायक
गैरिक
गोधूम
गणना
ग्राम
गुहा
गोपालक
गोत्र
गोस्वामी
ग्रामीण
गुम्फन
गृहणी
गौर
गुण
गर्त
गर्दभ
ग्रंथि
गहन
गोमय
गो
ग्राहक
ग्रीवा
घृत
घटिका
चर्म
चंचु
चतुर्दश
चक्रवाक
चणक
चतुष्पादिका
चतुष्कोण
छत्र
छिद्र
जन्म
जिव्हा
ज्योति
तीर्थ
तुंद
ताम्र
तृण
त्वरित
तिथिवार
दीपक
द्विवर
बालुका
लवंग
लौहकार
विवाह
प्रष्ठ
प्रिय
निष्ठुर
काम
कौड़ी
काग/कौवा
कोयल
कुंजी/चाभी
किसान
कंगन
काजल
कपड़ा
कब
केला
कूआँ
करतब
खाँसी
काँटा
काज
कुत्ता
करोड़
कबूतर
केकड़ा
किरन
कहानी
कीड़ा
कोख
कैंची
कोना
खान
खाट
खजूर
गवैया
गेरू
गेंहू
गिनना
गाँव
गुफा
ग्वाला/गोपाल
गोत
गुसाईं
गंवार
गूंथना
घरिणी/पत्नी
गोरा
गुन
गड्ढा
गधा
गांठ
घना
गोबर
गाय
गाहक
गर्दन
घी
घड़ी
चाम/चमड़ी
चौंच
चौदस
चकवा
चना
चौकी
चौकोर
छाता
छेद
जनम
जीभ
जोत
तीरथ
तोंद
तांबा
तिनका
तुरन्त
त्यौहार
दीया
देवर
बालू
लौंग
लुहार
ब्याह
पीठ
पिय
निठुर
दंश
द्रोण
दीपावली
दंत
दीपशलाका
दूर्वा
द्विपट
धरित्री
धूम्र
धर्म
नव
नासिका
नापित
नम्र
नकुल
नयन
पर्यंक
प्रस्तर
परीक्षा
पुष्कर
पक्ष
पर्पट
प्रहर
प्रतिवेशी
पुस्तिका
पक्वान्न
पंक्ति
पिपासा
बलिवर्ध
बर्कर
बदरी
बाहु
वक
भगिनी
मर्कटी
मनुष्य
मशक
म्रक्षण
मंडूक
महिषी
मेघ
यम
यश
यज्ञ
यमुना
यव
राजपुत्र
लेपन
लवण
वरयात्रा
वार्ताक
व्याघ्र
वारिद
वज्रांग
वृश्चिक
व्याखान
श्वास
शून्य
शाक
श्वसुर
शुण्ड
श्रेष्ठी
क्षेत्र
स्कंध
सूर्य
सौभाग्य
षण्ड
हस्ति
हरिद्रा
हीरक
हस्त
हरिण
ह्रदय
हर्ष
राशी
मर्कटी
शूकर
विकार
मणिकार
मृतघट्ट
डंक
दोना
दोवाली
दांत
दियासलाई
दूब
दुपट्टा
धरती
धूंआ
धरम
नौ
नाक
नाई
नरम
नेवला
नैन
पलंग
पत्थर
परख
पोखर
पंख
पापड़
पहर
पडौसी
पोथी
पकवान
पांत
प्यास
बैल
बकरा
बेर
बाँह
बगुला
बहिन
मकड़ी
मानुस
मच्छर
मक्खन
मेढ़क
भैंस
मेह
जम
जस
जज्ञ
जमुना
जौ
राजपूत
लीपना
लूण/नमक
बारात
बैगन
बाघ
बादल
बजरंग
बिच्छू
बखान
साँस
सुन्न
साग
ससुर
सूंड
सेठ
खेत
कंधा
सूरज
सुहाग
सांड
हाथी
हल्दी
हीरा
हाथ
हिरण
हिय
हरख
रास
मकड़ी
सूअर
बिगाड़
मनिहार
मरघट

() देशज शब्द(deshaj shabd):- देशज का अर्थ है देश अथवा किसी क्षेत्र में ही उत्पन्न होने वाले शब्द । वे शब्द जिनकी उत्पत्ति में कोई भी वैयाकर्णिक आधार नहीं होता है तथा ऐसे शब्द हिंदी शब्दकोश(hindi shabdkosh) में भी उपलब्ध नहीं होते है परन्तु स्थानीय स्तर पर प्रचलित रहते हैं । ऐसे शब्दों के प्रचलन का कारण किसी शब्द का अनुकरण, मुख-सुख, शब्दों की अज्ञानता, प्रतिध्वनि और स्थानीय भाषा को सुगम बनाने के लिए लोक-भाषा में देशज शब्दों का प्रचलन इतना अधिक हो जाता है की लोगों को पता ही नहीं चलता की वो भाषा विज्ञानं (व्याकरण) के नियमों के विरुद्ध शब्दों को बोला जाता है ।
यहाँ कुछ देशज शब्दों को बताने का हिंदी ग्रामर(Hindi Grammar)
https://hindigrammar.xyz  का पूर्ण प्रयास है आप इस लेख को पूरा पढ़े ।
देशज शब्दों के उदहारण:- टनाटन, टें-टें, लोटा, झक-झक, झंझट, टन्न, ठसाठस, धडाधड, सर्राटा, लपंतर, लुच्चा, चीं-चीं, टकाटक, तेंदुआ, ठेठ, ठुमरी, जूता, खिचड़ी, पगड़ी, कटोरा, डिबिया, बियाना, डाब, लुच्चा आदि । इनके अतिरिक्त अनुकरण
 इसे भी पढ़ें- Hindi Varanamala को यहाँ से पढ़ें । 
से भी देशज शब्दों का निर्माण हुआ है जैसे- चाय-फ़ाय, खाना-वाना, रोटी-फोटी, अडौस-पडौस, बारात-वारात, सब्जी-फब्जी इत्यादि । अब यहाँ पर फ़ाय, वाना, फोटी, अडौस, वारात, फबजी आदि देशी सब्द है और इन शब्दों का हिंदी शब्दकोष ने कई भी उल्लेख नहीं हैं स्थान या क्षेत्र विशेष में ऐसे शब्दों अर्थ थोडा बहुत भिन्न भी हो सकता है ।

इसे भी पढें-

सरकारी नौकरी ढूंढने के लिए यहाँ खोजे-

  Latest Govt. Jobs Rojgar Result

() विदेशी शब्द(videshi shabd )- हिंदी भाषा में भिन्न विदेशी भाषाओँ के शब्दों भी बिना किसी परेशानी के उपयोग होता है ऐसे शब्दों को प्राय: हर परीक्षा में पूँछ लिया जाता है यहाँ हम आपको पूर्ण रूप से समझाने का प्रयास करेंगे ।
भारत में अनेक विदेशी आक्रमणकारी आये उनके साथ ही बहुत से विद्वान भी आये जैसे हूड, तुर्क, पठान, अंग्रेज, पुर्तगाली, अरबी. फारसी, तथा और भी बहुत से प्रचारक भी आये जो यहाँ पर अपनी भाषा के चिन्ह छोड़ गए जो हिंदी में समाहित होकर  प्रचलित हें जैसे अरबी के हिंदी लगभग 2500 शब्द है और फारसी के लगभग 3500 शब्द हैं अंग्रेजी के शब्द करीब 3000 के आस-पास शब्द प्रचलित हैं पुर्तगाली भाषा के भी 125 शब्द चलन में हैं एवं तुर्की भाषा के लगभग 135 शब्द हिंदी में समाहित हैं इसी प्रकार पश्तो भाषा के 100 शब्द हिंदी में प्रयोग होते है । ये विदेशी भाषाओँ के शब्दों का क्रम यही समाप्त नहीं होता है इनके अतिरिक्त यूनानी, इटेलियन, डच, उर्दू जैसी भाषाओँ के शब्द हिंदी प्रचुर संख्या में मिलते हैं ।
भाषा स्रोत
शब्द जो हिंदी भाषा में आये हैं- videshi shabd

अंग्रेजी
होटल, कंपनी, कम्पूटर, स्टेशन, रेल, टिकट, कमीशन, कोर्ट,कोट, बटन, बेंच, बल्ब, रेडियो, टेलीविजन, अफसर, कलेक्टर, फीस, अपील, पेन, डॉक्टर, नर्स, हॉस्पिटल, रोड, कॉलेज, स्कूल, कैम्प, यूरिया, फाइल, पेपर, टायर, रबर, टाई, पेंट, शर्ट, चर्च, हैडमास्टर, प्रोफ़ेसर, शीट, सूट, फ्रॉक, पार्सल, गिटार, मलेरिया, एनीमिया, कैंसर, प्लेग, टाइफाइड, ग्लूकोज, दर्जन, पार्टी, मिनट, मीटिंग, ऑर्डर, इंच, एजेंसी, क्लास, क्रिकेट, गार्ड, गजट, जेल, चेयरमैन, ट्यूशन, डायरी, कॉपी, पैट्रोल, फोटो, विडियो, आमलेट, केक, ब्रेड, चोकलेट, ट्रेक्टर, डिग्री, स्टेनगन, बाइबिल, कर्नल, सिनेमा, बिल, सिटी, ओवरकोट, गाउन, जर्सी, फॉर्म, ट्यूब, ब्रेक,टेबिल, बैडमिन्टन, हॉकी, फुटबॉल, कैमरा, पायलट, पैराशूट, कमिश्नर, पुलिस, ब्रैड, कोलगेट, प्लेट, पाउडर, पाउच, पैकेट, जर्सी, गवर्नर, वोट, बैंक, पोस्ट ऑफिस, मोबाइल आदि

फ्रांसीसी(फ्रेंच)
रिपोर्टराज, डीलक्स, अंग्रेज, मशीन, मास्टर, एडवोकेट, जज, कूपन, चश्मा, कप, कॉलर, पिकनिक, रेस्तरां, टेबुल, लैम्प, मैम, कारतूस, आदि
अरबी शब्द
हिंदी, गरीब, अमीर, दुनिया, ईमानदार, नकद, औरत, मुकदमा, अदालत, आदमी, दौलत, कसूर, मालिक, फैसला, तामील, तहसील, जिला, हुक्म, अदा, इरादा, मानसून, अजब, गुस्सा, कैदी, रिश्वत, तरक्की, कीमत, कसम, खबर, बहस, जिस्म, ख़त्म, कातिल, अल्लाह, किताब, किस्मत, उम्र, आखिर, जाहिल, उम्दा, अक्ल, ख़राब, नशा, मुंसिफ, फायदा, मौलवी, लिफाफा, वकील, शराब, मौका, कसम, तकाजा, दुआ, नक़ल, जनाब, दफा, दिमाग, एहसास, दिमाग, मुंशी, मुरब्बा, नहर, तारीख, कसरत, कुर्सी, फ़क़ीर, इशारा, असर, अल्ला, हरामी, हिसाब, हवालात, मौसम, आदत, हाज़िर, किला, ख़त, कुण्डी, इनाम, ख़िदमत, ख़राब, गैर, हौसला, इमारत, इस्तीफ़ा, इलाज, जालिम, जिक्र, तमाम, तक़दीर, दगा, जहाज, दावत, जलसा, तक़दीर, दुकान, तकिया, तमाशा, तरफ, तादाद, तरक्की, दवा, दफ़्तर, हाकिम, कातिल, क़ायदा, नतीज़ा, मुहावरा, माल, बाकी, लफ़्ज, वारिस, हिम्मत, हैजा, पंजाबी, पाजामा, देहात, शहर, मरीज़, बुख़ार, जुकाम, आवारा, हकीम, चाकू, ख़रीद, ज़िंदगी, काग़ज, गवाह, कमीना, मुर्गा, मकान, कारीगर, दर्जी, बेवा, दरोगा, अंगूर, जलेबी, जहर, अमरूद, बाग, शिकायत, सिफ़ारिस, ख़ुराक, खाल, ख़ामोश, गुलाब, सरदार, आवाज़, आमदनी, आफत, मुर्दा, दंगल, तीर, कुश्ती, किशमिश, किनारा, ख़रगोश, ख़ुश, खूब, गर्द, गिरफ्तार, गरम, आईना, कबूतर, उम्मीद, फौजदार, दीवार, आतिशबाजी, अदा, आराम, आमदनी, ख़रीद आदि ।
पुर्तगाली शब्द
अलमारी, चाबी, स्त्री, गोदाम, अनन्नास, तम्बाकू, पलटन, कनस्तर, कॉफी, संतरा, पगार, पादरी, पिस्तौल, यीशु, पीपा, परात, तौलिया, बाल्टी, बोतल, प्याला, पपीता, आलू, काजू, आलपिन, कमरा, पगार, मिस्त्री, इस्पात, कमीज, गमाला,,गोभी, नीलाम, कमीज ।
पश्तो भाषा
डेरा, गड़बड़, अचार, पठान, गुण्डा, नगाड़ा, हमजोली, अखरोट ।

ऑस्ट्रेलिया
कंगारू ।
डच
तुर्क, बम ।
स्पेनिश
सिगरेट ।
यूनानी
एटम, दाम, सुरंग, कस्तूरी, दमड़ी, टेलीग्राफ, डेल्टा, टेलीफोन, बाइबिल ।
जापानी
रिक्शा, सुनामी, हायकू, हारकिरी, जुलूस ।
इटेलियन
मलेरिया, स्टूडियो, लॉटरी, कार्टून, फासिस्ट ।

इनके अतिरिक्त हिंदी भाषा में भारत की क्षेत्रीय भाषाओँ और बोलियों के शब्द भी hindi grammar (हिंदी व्याकरण) में आते हैं जैसे- बंगाली के शब्द-गल्प, गमछा, रसगुल्ला, उपन्यास, छाता ।
मराठी के शब्द- लागु, चालू, अड़चन, कामगार।
गुजराती भाषा के शब्द- हड़ताल, गरवा, चोली।
द्राविडभाषा के शब्द- इडली, डोसा, सांभर, उड़द, झूठ, डंका, नीर आदि।
मुण्डा के शब्द- दाड़िम, कदम्ब, हलाहल आदि ।
Final Word- प्रिय पाठको यहाँ Hindi Grammar ने शब्द विचार के अंतर्गत आपको तत्सम, तद्भव, देशज और विदेशी शब्दों को समझाने का पूर्ण प्रयास किया है हिंदी ग्रामर(हिंदी व्याकरण) को आशा है की इस लेख को पढने के पश्चात् आपके ज्ञान में सकारात्मक ज्ञान की नवीन उर्जा का संचार होगा और आप भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करेंगे ।
गूगल पर ऐसे ही रोचक और ज्ञान वर्धक लेख पढ़ने के लिए हमेशा hindigrammar.xyz टाइप करें ।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

mmmm

Ads Area